मुजफ्फरनगर। मीरापुर विधानसभा में पुराने दिग्गज भी टिकट के लिए जोर आजमाइश में जुट गए हैं। बसपा और आसपा से टिकट के जुगाड़ के लिए पूर्व विधायक भी जुटे हुए हैं। जातीय समीकरण बनाने की कवायद चल रही है। उपचुनाव में मुस्लिम समाज के प्रत्याशी भी टिकट के लिए जोड़-तोड़ में जुट गए हैं।
बसपा से टिकट के दावेदारों में पूर्व विधायक मौलाना जमील का नाम भी शामिल हो गया है। मौलाना इसी सीट से बसपा के विधायक रह चुके हैं। मुजफ्फरनगर दंगे के बाद बदले सियासी समीकरण में उनके हाथ से यह सीट फिसल गई थीं। सपा से भी टिकट मांगने वालों ने तैयारियां शुरू कर दी है। मंगलवार को मुखिया गुर्जर ने क्षेत्र में पहुंचकर जनसंपर्क भी शुरू कर दिया। सपा से राकेश शर्मा, लतेश बिधुड़ी और इलम सिंह गुर्जर के नाम भी टिकट के दावेदारों में शामिल हैं।
भाजपा-रालोद गठबंधन में अगर यह सीट रालोद के हिस्से में आती है तो पूर्व सांसद मलूक नागर के बेटे अक्षय नागर के अलावा रामनिवास पाल, अजीत राठी और संजय राठी का नाम भी टिकट की दौड़ में है। भाजपा के हिस्से में सीट आने की स्थिति में अमित राठी, अभिषेक गुर्जर समेत अन्य नेता टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। पूर्व सांसद राजपाल सैनी अपने बेटे शिवान सैनी के लिए टिकट का दावा कर सकते हैं। आसपा से टिकट के दावेदारों में पूर्व विधायक शाहनवाज राना का नाम भी चर्चा में शामिल है।
उप चुनाव में मीरापुर सीट पर अलग-अलग राजनीतिक दल से महिलाएं भी टिकट की दावेदार हैं। बिजनौर सांसद चंदन चौहान की पत्नी यशिका चौहान, पूर्व विधायक मिथलेश पाल और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रमा नागर भी टिकट के दावेदारों में शामिल बताई जा रही हैं।
1967 कांग्रेस राजेंद्र दत्त त्यागी
1974 कांग्रेस नारायण सिंह
1977 जनता पार्टी नारायण सिंह
1980 जनता एस मेहंदी असगर
1985 कांग्रेस सईदुज्जमां
1989 जनता दल अमीर आलम
1991 भाजपा रामपाल सिंह
1993 भाजपा रामपाल सिंह
1996 सपा संजय सिंह
2002 बसपा राजपाल सैनी
2007 रालोद कादिर राना
2009 रालोद मिथलेश पाल
2012 बसपा मौलाना जमील
2017 भाजपा अवतार भड़ाना
2022 रालोद चंदन चौहान
उप चुनाव में इस बार बसपा और आसपा की नतीजों में महत्वपूर्ण भूमिका होगी। नगीना सीट पर जीत के बाद मीरापुर के उप चुनाव में आसपा से टिकट मांगने वालों की कतार लगनी शुरू हो गई है। दलित-मुस्लिम समीकरण के सहारे दावेदार बसपा या आसपा से टिकट चाहते हैं। एनडीए गठबंधन अति पिछड़ा वर्ग को टिकट दे सकता है। भाजपा-रालोद गठबंधन से पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान का नाम भी खूब चर्चा में चल रहा है। लेकिन बालियान कई बार विधानसभा चुनाव लड़ने से इन्कार कर चुके हैं। पिछले दिनों उनकी रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी से मुलाकात भी चर्चाओं में रही थी।