थायराइड एक आम समस्या है, जो हार्मोनल असंतुलन के कारण होती है. यह थकान, वजन बढ़ना, बालों का झड़ना और चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण पैदा कर सकती है. योग, थायराइड को नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है. आइए जानें 5 ऐसे योगासन जो थायराइड को कंट्रोल करने में मददगार हो सकते हैं:
भुजंगासन
भुजंगासन करने के लिए पेट के बल लेट जाएं, हाथ छाती के नीचे कोहनी मोड़ कर रखें. धीरे-धीरे ऊपरी शरीर को ऊपर उठाएं, कंधों को पीछे की तरफ रखें. कुछ देर इस स्थिति में रहें और फिर धीरे-धीरे वापस आ जाएं.
भुजंगासन के फायदे- थायराइड ग्रंथि को उत्तेजित करने में मदद करता है, साथ ही ब्लड सर्कुलेशन को भी बढ़ाता है.
शीर्षासन
शीर्षासन करने के लिए दंडासन में बैठ जाएं, हाथों को आगे फैलाएं. पैरों को मोड़कर कूल्हों को ऊपर उठाएं, पैरों को सिर के ऊपर ले जाएं, कोहनी जमीन पर टिकी रहें, सिर का बल मस्तक पर लगाएं.
शीर्षासन के फायदे- यह रक्त संचार को बढ़ाता है, जो थायरॉयड ग्रंथि के कार्य को बेहतर बनाने में मदद करता है. (हाई ब्लड प्रेशर या गर्भवती महिलाओं को यह आसन नहीं करना चाहिए)
सेतुबंधासन
सेतुबंधासन करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं, घुटने मोड़े, पैर जमीन पर सपाट रखें. कमर को ऊपर उठाएं, शरीर को पुल की तरह बनाएं, कुछ देर इस स्थिति में रहें और फिर धीरे-धीरे वापस आ जाएं.
सेतुबंधासन के फायदे- थायरॉयड ग्रंथि के आसपास के क्षेत्रों में रक्त संचार को बढ़ाता है और तनाव को कम करता है.
अनुलोम-विलोम
अनुलोम-विलोम करने के लिए सुखासन में बैठ जाएं, एक हाथ का अंगूठा और तर्जनी का उपयोग करके दाहिनी नाक बंद करें. बाएं नाक से धीरे-धीरे सांस लें, फिर बाएं नाक को बंद करें और दाएं नाक से सांस छोड़ें. इस प्रक्रिया को दोहराएं.
अनुलोम-विलोम के फायदे- श्वास नियंत्रण का एक अभ्यास है जो तनाव को कम करता है और शरीर में ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाता है. इससे थायराइड को संतुलित रखने में मदद मिलती है.
बालासन
बालासन करने के लिए घुटनों के बल बैठ जाएं, पैरों को मिलाएं और पीठ के बल पीछे की ओर झुकें. माथा जमीन से लगाएं, हाथों को शरीर के सामने फैलाएं या पैरों के पास रखें.
बालासन के फायदे- शरीर को आराम देता है और तनाव को कम करता है. साथ ही यह थायराइड के लक्षणों को कम करने में भी मदद करता है