बिजनौर। शिकायतकर्ता उन्हें यहां से माधवपुर स्थित एक मकान में ले गया, जहां उसने अवैध भंडारण की बात बताई। यहां पहुंची टीम को देख महिला ने पहले दरवाजा नहीं खोला और बाद में ताला लगाकर चली गई। शिकायत की जांच करने पहुंचे औषधि निरीक्षक को मकान का ताला खुलवाने के लिए चार घंटे भटकना पड़ा। इतना ही नहीं, नामित मजिस्ट्रेट मौके पर न पहुंचकर आधे रास्ते से ही गायब हो गए। ताला नहीं खुलने पर औषधि निरीक्षक ने बाद में मकान को सील कर दिया।
औषधि निरीक्षक उमेश भारती ने बताया कि अवैध भंडारण और नकली दवाइयों के व्यापार की शिकायत की मिली थी। इसकी जांच करने औषधि निरीक्षक सहित तीन सदस्य टीम बृहस्पतिवार को मंडावर रोड स्थित त्वचा क्लीनिक पर पहुंची। शिकायतकर्ता उन्हें यहां से माधवपुर स्थित एक मकान में ले गया, जहां उसने अवैध भंडारण की बात बताई। यहां पहुंची टीम को देख महिला ने पहले दरवाजा नहीं खोला और बाद में ताला लगाकर चली गई।
ताला मजिस्ट्रेट की निगरानी में ही खोला जाता है। जांच के लिए ताला खुलवाने को औषधि निरीक्षक करीब चार घंटे भटकते रहे। इसके बाद तहसीलदार ने दारानगर गंज के नायब तहसीलदार को मजिस्ट्रेट नियुक्त किया। मजिस्ट्रेट जांच स्थल के लिए निकले। मगर, आधे रास्ते में ही जरूरी काम बताकर वापस चले गए ताला बंद होने की वजह से जांच नहीं हो पाई। इसके बाद औषधि निरीक्षक ने मकान को सील कर नोटिस चस्पा कर दिया। इस मौके पर क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. राकेश कुमार, खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनुपम यादव मौजूद रहे।
जिस मकान में अवैध भंडारण बताया गया था, उसका महिला ताला लगा कर चली गई। ताला खुलवाने के लिए नामित मजिस्ट्रेट भी आधे रास्ते से जरूरी काम कहकर चले गए। इसके बाद मकान को सील कर दिया गया। ताला खुलवाने के लिए नायब तहसीलदार को तुरंत ही मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया होगा। नामित मजिस्ट्रेट को कोई जरूरी काम हो सकता है, जिस वजह से वह मौके पर नहीं पहुंचे। मामले की जांच कराई जाएगी।