मेरठ। मेरठ के हस्तिनापुर क्षेत्र के गांव रठौरा खुर्द में 20 दिन पहले हुए झगड़े के बाद मुख्यारोपी आदित्य ने बदला लेने की कसम खाई। इसके बावजूद पुलिस ने मामला शांति भंग कर निपटा दिया। पुलिस आरोपी आदित्य को फर्नीचर दुकानदार सोनवीर की हत्या करने से नहीं रोक पाई। इससे परिजन व ग्रामीणों में आक्रोश है। शनिवार को परिजन ने सोनवीर के शव पंचायत घर पर रखकर अंतिम संस्कार से इनकार कर दो घंटे तक हंगामा किया। पोस्टमार्टम के बाद जब सोनवीर का शव गांव लाया गया। परिजन ने अंतिम संस्कार से इनकार कर हंगामा किया। चार घंटे की जद्दोजहद के बाद एडीएम प्रशासन बलराम सिंह के 24 घंटे में थाना प्रभारी के निलंबन व अन्य मांग मानने के आश्वासन पर ग्रामीणों ने शव का अंतिम संस्कार किया।
रठौरा खुर्द में करीब 20 दिन पूर्व स्कूल के खेल के मैदान में हुए विवाद में अनुसूचित जाति और वाल्मीकि समाज के लोगों में कहासुनी हुई थी। आरोप था कि इस दौरान दूसरे पक्ष के शिवा ने आदित्य से मारपीट की थी। इसके बाद आदित्य ने बदला लेने की कसम खाई थी। पूरे मामले की शिकायत पुलिस से की गई लेकिन पुलिस ने मामले को हल्के में लेकर कार्रवाई की। शुक्रवार की सोनवीर की गोली मारकर हत्या कर दी गई। सोनवीर की हत्या के बाद से उसके पक्ष के लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया। कई घंटे तक गांव में बवाल हुआ था।
वारदात के बाद से गांव में तनाव और डर बरकार है। शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद सोनवीर का शव पुलिस फोर्स की मौजूदगी में जब गांव लाया गया। ग्रामीण एक बार फिर भड़क गए। ग्रामीण शव को 15 मिनट बाद ही सोनवीर के घर से वारदात स्थल के करीब लेकर पहुंचे। बारिश होने के कारण ग्रामीणों ने शव पुराने पंचायत घर में रख दिया और अंतिम संस्कार से इन्कार कर दिया। ग्रामीण जिलाधिकारी को मौके पर बुलाने की जिद पर अड़ गए। पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया लेकिन वे पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाने लगे। थाना प्रभारी पर अभद्रता करने का भी आरोप लगाया गया। ग्रामीणों का कहना था कि अगर पुलिस समय रहते ठोस कार्रवाई करती तो सोनवीर की जान नहीं जाती। डीएम के लखनऊ होने के कारण एडीएम प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर मांग रखी गईं और उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया।
दर्ज कराई गई रिपोर्ट में सोनवीर के बेटे सागर ने कहा है कि जब सोनवीर अपनी पत्नी हेमलता, बेटे सागर, शिवा, और बेटियों अन्नू (23) व वर्षा (15) के साथ जा रहा था। उस दौरान पत्नी व बच्चों के सामने ही सोनवीर की हत्या की गई। आरोपियों ने दोनाली बंदूक से सोनवीर की छाती में गोली मारकर हत्या की। ये भी पता चला कि इससे पहले आरोपी पक्ष के एक युवक ने सोनवीर के बेटे शिवा का पीछा किया था। इसकी जानकारी शिवा ने सोनवीर को दी थी। तब सोनवीर ने आरोपियों को समझाने का प्रयास किया था। इस घटना के बाद ही सोनवीर की हत्या की गई।
– पीड़ित परिवार को 50 लाख की आर्थिक सहायता
– सोनवीर के माता-पिता को आजीवन पेंशन
– मृतक की पत्नी या पुत्र को सरकारी नौकरी
– पीड़ित परिवार से अभद्रता करने वाले थाना प्रभारी का निलंबन
– कोई अनहोनी न हो, इसके लिए आरोपी परिवार का गांव से निष्कासन
सागर ने अपने पिता सोनवीर की हत्या के मामले में छह आरोपियों पर केस दर्ज कराया है। इनमें सुरेश पाल शिक्षा विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। राजवीर नगर पंचायत बहसूमा में सफाई कर्मचारी है। घटना का मुख्य आरोपी आदित्य बीबीए द्वितीय वर्ष और प्रिंस 11 वीं का छात्र है। बिजेंद्र और सौरव मजदूरी करते हैं। मृतक की पत्नी हेमलता ने बताया कि आरोपियों की थाने में भी हनक थी। जिस कारण थाना प्रभारी ने लंबे समय से चल रहे विवाद की जानकारी होने के बाद भी मामले में कार्रवाई नहीं की उल्टे उन्हीं पर कार्रवाई कर दी।
सोनवीर हत्याकांड में अब पुलिस अधिकारियों ने खेल के मैदान पर विवाद के अलावा अन्य पहलुओं से भी जांच शुरू की है। मामला कितना पुराना है और यह रंजिश कब से चली आ रही है। इस मामले में पुलिस के उच्च अधिकारियों को मामले की जांच कर जल्द से जल्द कार्रवाई पूरी करने के निर्देश दिए हैं। सोशल मीडिया पर 20 दिन हुई मारपीट का वीडियो भी वायरल हुआ है। जिसमें दो युवक गांव में केनरा बैंक के सामने मारपीट करते हुए देखे जा रहे हैं। जिन्हें मृतक का बेटा और आरोपी पक्ष का एक युवक बताया जा रहा है।
सोनवीर की हत्या से क्षेत्र के जाटव समाज में रोष है। समाजवादी अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष इंद्रजीत जयंत, बसपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता ब्रह्मपाल फौजी, गौरव जाटव, बाबू यादव आदि दर्जनों संगठनों से जुड़े पदाधिकारी पीड़ित परिवार के घर पहुंचे। इंद्रजीत जयंत ने कहा कि हस्तिनापुर थाना प्रभारी की कथनी और करनी में बहुत फर्क है। वह लगातार लापरवाही कर रहे हैं। कुछ दिन पूर्व खेड़ी निवासी विद्युत संविदा कर्मी प्रदीप की मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पीड़ित परिजनों ने थाने पर मृतक का शव रखकर हंगामा किया था। पुलिस के उच्चाधिकारियों के आश्वासन पर कार्रवाई की गई।
अब सोनवीर के परिवार को लगातार धमकी देने के बाद भी थाना प्रभारी ने कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि अगर 24 घंटे में थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो वे आंदोलन करेंगे। उन्होंने बताया कि हस्तिनापुर क्षेत्र में 1996 में गुर्जर समाज के करोड़ी और जाटव समाज के श्रीराम के बीच में बड़ा विवाद हुआ था, उस समय से हस्तिनापुर थाने में गुर्जर और जाटव समाज के थाना प्रभारी की तैनाती पर रोक लगाई गई थी। लेकिन इस रोक को दरकिनार कर थाना प्रभारी की तैनाती की गई है। इसकी शिकायत एसपी क्राइम अनिकेत कुमार और सीओ सौरव सिंह से भी की। ब्लॉक प्रमुख नितिन पोसवाल समाजसेवी शुभम लोहिया ने पीड़ित परिवार को सांत्वना दी।