बागपत। जिला पंचायत में भ्रष्टाचार होने व अपमान किए जाने का आरोप लगाकर सदस्यों ने शनिवार को बोर्ड बैठक का बहिष्कार कर दिया। क्योंकि उसमें केवल तीन ही सदस्य पहुंच सके और सांसद डाॅ. राजकुमार सांगवान भी घंटों इंतजार करते रहे। सबसे बड़ी बात यह रही कि रालोद की अध्यक्ष होने के बावजूद रालोद व भाजपा के सदस्य ही सबसे ज्यादा विरोध कर रहे है और सपा का उनकाे समर्थन मिल रहा है। अब इस खिलाफत में 14 सदस्य होने का दावा कर रहे हैं और अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कह रहे हैं।
जिला पंचायत बोर्ड की बैठक शनिवार को तय की गई थी। इसके लिए अध्यक्ष ममता किशोर के अलावा तीन सदस्य सुभाष गुर्जर, बसंत तोमर, सुनील पहुंचे थे। सांसद डा. राजकुमार सांगवान भी बैठक में शामिल होने के लिए पहली बार पहुंचे थे। मगर वहां अन्य कोई सदस्य नहीं पहुंच सका और बैठक का बहिष्कार करने की बात कही। रालोद, भाजपा, सपा सभी के सदस्यों ने आरेाप लगाया कि जिला पंचायत में ठेकेदारों से वसूली हो रही है, विकास कार्यों में भ्रष्टाचार किया जा रहा है तो काफी सदस्यों के वार्ड में एक रुपया भी खर्च नहीं किया गया।
सदस्य कार्य कराने को कहता है तो उसका अपमान किया जाता है। जिला पंचायत से सभी फाइल अध्यक्ष के घर जाती हैं और अध्यक्ष के गनर व गाड़ी को उनके पति लेकर घूमते हैं। वह खुद ही पूरा कार्य देखते हैं और कार्यालय में पत्नी की जगह वह खुद बैठते हैं। इस तरह सदस्यों ने अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और कुछ सदस्य घर से नहीं आए तो कुछ कलक्ट्रेट में पहुंच गए। सदस्यों ने साफ कहा कि उनकी बातचीत चल रही है और वह 14 सदस्य हो गए हैं जो जल्द ही अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहे हैं। इस तरह सदस्यों की नाराजगी अध्यक्ष के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है। वहीं सदस्यों के बहिष्कार के कारण कोरम पूरा नहीं हो सका और बैठक नहीं हो सकी।
जिला पंचायत बोर्ड बैठक में नवनिर्वाचित सांसद डाॅ. राजकुमार सांगवान भी बोर्ड के सदस्य होने के कारण पहली बार बैठक में पहुंचे थे। उनके साथ रालोद के नेता भी बैठक में पहुंच गए। मगर वहां अध्यक्ष के साथ विवाद होने के कारण सदस्य नहीं पहुंच सके। वहां सांसद ने कहा कि जनता ने उन पर जो भरोसा जताया है वह उस पर खरा उतरेंगे। जनपद का विकास कराने के लिए सभी का सहयोग लिया जाएगा।
रालोद के जिला पंचायत सदस्य बसंत तोमर भी बैठक में पहुंचे तो वह नाराज हो गए। क्योंकि उनसे पहले ही रालोद के जिलाध्यक्ष व कई नेता पहुंचकर कुर्सियों पर बैठे हुए थे। बसंत तोमर पीछे बैठ गए तो उनको आगे आने के लिए कहा गया। मगर उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि उनकी कोई जरूरत नहीं है, वह बैठक से चले जाते हैं और इनको ही आगे बैठाकर रखो। उसके बाद कई रालाेद नेताओं को किनारे किया गया और बसंत तोमर को आगे बैठाया गया।
जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में करोड़ों रुपये के विकास कार्यों के प्रस्ताव पास कराए जाने थे। मगर सदस्यों के बहिष्कार के कारण कोरम पूरा नहीं होने से बैठक न हो सकी और प्रस्ताव पास नहीं हो सके। अब 29 जून को दोबारा बैठक कराने की बात कही गई है, जिसका एजेंडा भी जारी कर दिया गया है।
हमारे प्रस्ताव पर अध्यक्ष कुछ नहीं करती हैं और विकास कार्य नहीं कराए जाते हैं। जिला पंचायत में भ्रष्टाचार व्याप्त है। सदस्यों का सम्मान तक नहीं किया जाता है। इसलिए ही बोर्ड बैठक का बहिष्कार किया गया है। अब 14 सदस्य खिलाफत में खड़े हो गए हैं और बैठक करके अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी कर रहे हैं। मनुपाल बंसल, सदस्य भाजपा
जिला पंचायत में कोई सुनवाई नहीं होती है। इसलिए बैठक में आकर क्या करते। हालांकि, मेरी पुत्रवधू अस्पताल में थी, इसलिए वहां होने के कारण भी बैठक में नहीं आ सकी। अगली बैठक होगी तो उसमें शामिल होने को लेकर तभी फैसला लिया जाएगा। – शाहिदा, सदस्य रालोद
बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास हो जाते है, लेकिन काम नहीं होते हैं। जिला पंचायत में अब अव्यवस्था फैल रही है। इसकी वजह से ही बोर्ड बैठक का बहिष्कार किया गया। अगर व्यवस्था नहीं सुधारी जाती है तो बैठक का आगे भी बहिष्कार किया जाएगा। – सीमा, सदस्य भाकियू
मेरे क्षेत्र में कोई भी कार्य नहीं होने के कारण काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। अब सभी सदस्य बैठक करके अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहे हैं। जिला पंचायत में माहौल पूरी तरह से खराब हो चुका है। – प्रवेंद्र, सदस्य सपा
कुछ सदस्यों की आदत खराब हो रही है जो केवल दबाव बनाने का प्रयास करते हैं। अविश्वास प्रस्ताव लाना कोई खेल नहीं है। मुझे पता चला है कि कई सदस्य निजी समस्याओं के कारण बाहर थे, वह इसलिए नहीं आ सके। वह अगली बैठक में जरूर आएंगे। जिस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं, वह पूरी तरह से गलत है। – ममता किशोर, अध्यक्ष जिला पंचायत