नई दिल्ली. देश में अभी लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार अपने चरम पर है. बीजेपी और विपक्ष अपने अपने एजेंडे जनता के सामने पेश कर रहे हैं, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार गरीबों के सपने कैसे साकार हों, इसके लिए अभी से योजना बनाने में जुट गई है. सूत्रों की मानें तो पीएम मोदी के विजन पर शहरी गरीबों का घर खरीदने का सपना कैसे आसानी से पूरा हो सके, उसकी रूपरेखा पर केंद्र सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है.
सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार पीएम आवास योजना के तहत शहरी गरीबों के लिए हाउसिंग सब्सिडी के दायरे और आकार को बढ़ाने पर विचार कर रही है. सूत्रों के मुताबिक इस योजना के दायरे में स्व-रोजगार, दुकानदार और साथ ही छोटे व्यापारी भी आ सकते हैं और उन्हें भी अपना घर बनाने में सरकार से मदद मिल पाएगी. योजना में दिए जाने वाले सब्सिडी वाले लोन को घर की कीमत और आकार के अनुसार तय किए जाने की उम्मीद है. जिस घर की कीमत खरीदार के लिए 35 लाख रुपए होगी, उसके लिए सब्सिडी वाला लोन 30 लाख रुपए तक बढ़ाने का प्रस्ताव किया जा रहा है.
अगर नरेन्द्र मोदी सरकार केंद्र में तीसरी बार सरकार बनाती है, तो लाखों शहरी गरीबों के घर खरीदने का सपना साकार हो जाएगा. आपको बता दें कि 1 फरवरी को अंतरिम केंद्रीय बजट 2024-25 में प्रमुख आवास योजना के लिए 80,671 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा था कि सरकार किराए के घरों, झुग्गियों, चॉल और अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले मध्यम वर्ग के योग्य वर्गों को अपना घर खरीदने या बनाने में मदद करने के लिए एक योजना शुरू करेगी. यानी इस बात की संकेत पहले से केंद्र की तरफ से दी गई है. इसके अलावा शहरी एवं आवास मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी कहा है कि शहरी क्षेत्र मे किफायती आवास के लिए ब्याज सब्सिडी पर कैबिनेट को एक प्रस्ताव भेजा जाएगा और इसे पास करवाया जाएगा.
पीएम आवास योजना के तहत घर खरीदार 20 सालों की अवधि में ब्याज लागत में ज्यादा से ज्यादा ₹2.67 लाख बचा सकते हैं. 20 साल योजना के तहत होम लोन के लिए सबसे ज्यादा अवधि है. इन किफायती घरों का अधिकतम आकार 200 वर्ग मीटर है. सूत्रों के मुताबिक प्रस्ताव है कि घर खरीदारों को मेट्रो और नॉन-मेट्रो दोनों शहरों में 35 लाख रुपये तक की कीमत वाले घरों के लिए 30 लाख रुपये तक के होम लोन पर सब्सिडी मिल सकती है.
इस आवास योजना की शुरुआत 25 जून 2015 में हुई थी. पीएम आवासीय योजना को दो भागों में बांटा गया है: प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) और प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी). इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर (EWS) और निम्न आय समूह (LIG) वाले ग्राहकों को प्राथमिकता दी जाती है. पीएमएवाई का लक्ष्य गरीबों को पक्का घर उपलब्ध कराना है. इस योजना के तहत लोगों को 2 लाख 65 हजार रुपये की सब्सिडी मिलती है.
किन लोगों को सब्सिडी?
प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत आपको होम लोन की ब्याज दर पर सब्सिडी मिलती है. सब्सिडी लेने के लिए आपके और आपके परिवार के सदस्यों (पति, पत्नी और अविवाहित बच्चे) के पास अपना घर नहीं होना चाहिए. इनकम के आधार पर घर का कारपेट एरिया 60-200 वर्ग मीटर से अधिक नहीं होना चाहिए. 6 लाख से 12 लाख रुपये के लोन के लिए ब्याज दर सब्सिडी 3% से 6.50% के बीच है. अगर आप EWS कैटेगरी से हैं तो आपकी सालाना इनकम 3 लाख रुपये से कम होनी चाहिए. प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने के लिए आपकी आयु 18 वर्ष या इससे अधिक होनी जरूरी है. शुरुआत में पीएमएवाई में होम लोन की रकम 3 से 6 लाख रुपए तक थी और उसी पर सब्सिडी मिलती थी, लेकिन इसे 18 लाख रुपए तक कर दिया गया है.