मेरठ। युगांडा में फंसे मेरठ, मुजफ्फरनगर और रुड़की के तीन लोग रविवार को वतन घर लौटे तो आंखें भर आईं। रुंधे गले से बताया कि उनका बहुत उत्पीड़न किया गया। वहां 18 घंटे तक काम कराते थे। गर्म भट्ठी में जलाकर मारने की धमकी देते थे। कई महीनों से बिना वेतन दिए काम करा रहे थे। तीनों लोगों ने इस मामले में विदेश मंत्रालय को पत्र लिखने वाले राज्यसभा सदस्य डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी के आवास पर पहुंचकर आभार जताया।
खतौली निवासी एक युवक पांच मार्च को खुद को युगांडा की एचके शुगर मिल में जीएम बताकर यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा और बिहार के सात लोगों को को नौकरी दिलाने की बात कहकर साथ ले गया था। इनमें करनावल के अशोक शर्मा के साथ ही मुजफ्फरनगर के योगेश कुमार, योगेंद्र कुमार, सहारनपुर के जसबीर, रुड़की के सुक्रमपाल, हरियाणा के ऋषिपाल और पटना बिहार के मृत्युंजय भी फंसे थे।