शामली।  शामली-करनाल बाॅर्डर पर बदमाशों से हुई मुठभेड़ के दाैरान घायल हुए एसटीएफ इंस्पेक्टर उपचार के दाैरान बुधवार को बलिदान हो गए। जाबांज इंस्पेक्टर सुनील कुमार को चार बदमाशों को ढेर करने के दौरान तीन गोलियां लगी थीं। दो गोली पेट और तीसरी गोली लिवर में लगी थीं। वहीं इस मुठभेड़ में चार बदमाश ढेर हुए थे। मंगलवार को घायल इंस्पेक्टर के पेट से चिकित्सकों ने तीन गोलियां निकाली थीं, जिसके बाद वे चिकित्सकों की देख-रेख में थे। गुरुवार को उनका बलिदान हुआ।

पुलिस लाइन में अंतिम सलामी के बाद एसटीएफ के बलिदान इंस्पेक्टर सुनील कुमार के पार्थिव शरीर को मसूरी गांव ले जाया जा रहा है। बलिदानी इंस्पेक्टर को एडीजी मेरठ जोन डीके ठाकुर, एसएसपी STF लखनऊ घुले, सुशील चंद्रभान, डीआईजी कलानिधि नैथानी, एसएसपी डॉक्टर विपिन ताड़ा ने कंधा दिया।

पुलिस लाइन में गार्ड ऑफ ऑनर और अंतिम सलामी के बाद इंस्पेक्टर्स सुनील कुमार का पार्थिव शरीर उनके गांव मसूरी ले जाया गया है। गांव में पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

शामली जनपद के झिंझाना क्षेत्र के उदपुर गांव के पास सोमवार रात बदमाशों से हुई मुठभेड़ में इंस्पेक्टर सुनील कुमार तीन गोली लगने से घायल हो गए थे। उनके नेतृत्व मे एसटीएफ की टीम ने एक लाख के इनामी अरशद समेत चार बदमाशों को ढेर किया था। बलिदान हुए इंस्पेक्टर सुनील कुमार मेरठ के इंचोली थाना क्षेत्र अंतर्गत गांव मसूरी के मूल निवासी हैं।

उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था। डॉक्टर्स ने तीनों गोलियां निकाल दी थीं लेकिन लिवर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। सुनील कुमार 1990 में पुलिस में भर्ती हुए और 2002 से एसटीएफ में तैनात चल रहे थे।

इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने पांच लाख के इनामी अम्बिका पटेल उर्फ ठोकिया, 50 हजारी उमर केवट, सवा लाख के इनामी आदेश बालियान, अनिल दुजाना, सोनू मटका आदि कुख्यात बदमाशों को ढेर किया था।

गुरुवार को बलिदानी इंस्पेक्टर सुनील कुमार का विरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर गुरुग्राम से सीधा पुलिस लाइन ले जाया गया, वहां सैनिक सम्मान के साथ विदाई दी गई। इस दाैरान बलिदानी सुनील कुमार का बेटा भी पिता को श्रद्धांजलि देते हुए बिलख पड़ा।