लखनऊ। पेपर लीक कराने के आरोपों से घिरे सुभासपा विधायक बेदीराम पार्टी के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं। सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर को सीएम योगी द्वारा तलब किए जाने के बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह ने उनसे दिल्ली में बात की।
सूत्रों की मानें तो इस मुलाकात में ओपी राजभर से बेदीराम को लेकर सवाल हुए। वहीं दूसरी ओर प्रदेश पुलिस ने फिलहाल बेदीराम के खिलाफ कोई भी जांच शुरू करने से इन्कार किया है। गाजीपुर पुलिस पेपर लीक को लेकर वायरल हुए बेदीराम, बिजेंद्र गुप्ता आदि के वीडियो की जांच कर रही है।
बता दें कि 2014 में रेलवे का पेपर लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किए गये मास्टरमाइंड बेदीराम ने जमानत मिलने के बाद राजनीति में कदम रखा और ब्लॉक प्रमुख बन गए। बीते विधानसभा चुनाव में सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली सुभासपा ने बेदीराम को गाजीपुर की जखनियां सीट से टिकट दिया, जिसके बाद वह विधायक बनने मे कामयाब हो गए। बाद में सुभासपा ने सपा का साथ छोड़ दिया और भाजपा सरकार को समर्थन दे दिया। दो दिन पहले अचानक पेपर लीक कांड में उनके पूर्व सहयोगी बिजेंद्र गुप्ता का वीडियो वायरल हुआ। कुछ ही देर में बेदीराम का भी दूसरे राज्यों में भर्तियां कराने के दावे वाला वीडियो इंटरनेट पर तेजी से फैलने लगा।
यह मामला शांत भी नहीं हुआ था कि ओपी राजभर का भी एक वीडियो सामने आ गया, जिसमें वह बोल रहे थे कि बेदीराम किसी भी विभाग में भर्ती करा सकते हैं। इन तीनों वीडियो के सामने आने के बाद सुभासपा अध्यक्ष को सीएम योगी ने तलब किया था। दिल्ली में ओपी राजभर की जेपी नड्डा और अमित शाह से मुलाकात के बाद बेदीराम पर जल्द कोई कार्रवाई होने के कयास लग रहे हैं।
बता दें कि बेदीराम को 2006 से 2014 के बीच तीन बार एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। इसके अलावा वह मध्य प्रदेश की एसटीएफ और राजस्थान की एसओजी के हत्थे भी चढ़ चुके हैं। करीब एक दशक पूर्व बेदीराम को रेलवे समेत कई प्रतियोगी परीक्षाओं का पेपर लीक करने का मास्टरमाइंड माना जाता था। 2014 में रेलवे भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराने पर बेदीराम को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था और उसकी संपत्तियों को कुर्क करने के लिए एसएसपी, लखनऊ को पत्र भी लिखा था, हालांकि उस दौरान कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।