मुजफ्फरनगर। देश को हिलाकर रख देने वाले रामपुर तिराहा कांड की सीबीआई बनाम राधा मोहन द्विवेदी पत्रावली में गवाही नहीं हो सकी। अपर जिला जज अंजनी कुमार सिंह ने अगली सुनवाई के लिए एक जुलाई तय की है।
एक अक्तूबर, 1994 की रात अलग राज्य की मांग के लिए देहरादून से बसों में सवार होकर आंदोलनकारी दिल्ली के लिए निकले थे। इनमें महिला आंदोलनकारी भी शामिल थीं। पुलिसकर्मियों ने रात करीब एक बजे रामपुर तिराहा पर बस रुकवा ली। आरोप है कि महिला आंदोलनकारियों के साथ छेड़खानी और दुष्कर्म किया गया। उत्तराखंड संघर्ष समिति ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। 25 जनवरी 1995 को सीबीआई ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए थे, जिसकी सुनवाई चल रही है। उत्तराखंड संघर्ष समिति के अधिवक्ता अनुराग वर्मा, बचाव पक्ष के श्रवण कुमार एडवोकेट ने बताया कि मंगलवार को सुनवाई के दौरान आरोपी हाजिर हुए। सीबीआई अदालत में गवाह को पेश नहीं कर सकी।