शामली। लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद जिला पंचायत की राजनीति में हुई उठापटक के बीच एमएलसी वीरेंद्र सिंह ने लखनऊ में शनिवार की देर रात मुख्यमंत्री से मुलाकात की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कैराना लोकसभा चुनाव 2024 में पार्टी प्रत्याशी की हार और जिला पंचायत की उठापटक के बारे में अवगत कराया। दूसरी ओर जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष मनीष चौहान ने कहा कि सोमवार को जिला पंचायत कार्यालय में 13-14 सदस्य इकट्ठा होंगे।
कैराना लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा के हार जाने के बाद जिला पंचायत की राजनीति में उठापटक शुरू हो गई है। शुक्रवार को जिला पंचायत अध्यक्ष मधु गुर्जर ने डीएम रविंद्र सिंह से मिलकर गनर, गाड़ी उपलब्ध कराए जाने और उनके कार्य में हस्तक्षेप न किए जाने की बात कही थी। शनिवार को एमएलसी वीरेंद्र सिंह के बेटे और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मनीष चौहान ने जसाला में जिला पंचायत सदस्यों के साथ बैठक की। जिसमें पूर्व सांसद के इशारे पर जिला पंचायत अध्यक्ष को बहकाने का आरोप लगाया था।
दूसरी ओर एमएलसी वीरेंद्र सिंह लखनऊ में पिछले तीन दिन से डेरा डाले हुए थे। शनिवार की शाम एमएलसी की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। मुलाकात के बाद मनीष चौहान ने बताया कि एमएलसी वीरेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री को कैराना लोकसभा चुनाव में पार्टी की ओर की अपना पक्ष रखा है। जिला पंचायत की उठापटक की राजनीति से भी अवगत कराया। मनीष ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पार्टी को मजबूत करने के उन्हें निर्देश दिए है। उनका कहना है कि सोमवार को जिला पंचायत कार्यालय में सदस्यों के साथ औपचारिक जिले के विकास की चर्चा करेंगे। जिला पंचायत बोर्ड सदस्यों के प्रस्ताव मान्य है।
लोकसभा चुनाव 2024 में कैराना सीट पर भाजपा के हार के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सिंह से भाजपा के पूर्व सांसद प्रदीप चौधरी, प्रसन्न चौधरी, एमएलसी वीरेद्र सिंह, जिलाध्यक्ष तेजेंद्र निर्वाल मिल चुके है। सदर विधायक प्रसन्न चौधरी का कहना है कि शनिवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात की है। जिला पंचायत अध्यक्ष को गाड़ी और गनर न मिलने और उनके कार्य में हस्तक्षेप न किए जाने की बात थी। गनर जिला पंचायत अध्यक्ष को मिल चुका है। शीघ्र गाड़ी उपलब्ध होगी।
सीडीओ विनय तिवारी का कहना है कि जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी ने अपनी गाड़ी जिला पंचायत अध्यक्ष मधु गुर्जर के आवास पर भेजी थी, लेकिन अध्यक्ष वहां नहीं मिली और गाड़ी वापस आ गई। जिला पंचायत अध्यक्ष के हस्ताक्षर के बाद अध्यक्ष की गाड़ी के लिए टेंडर छोड़ा जाएगा। फिलहाल अध्यक्ष के नाम से कोई गाड़ी आवंटित नहीं है।