मीठा रसगुल्ला बेहद टेस्टी होता है। मगर क्या आपने कभी जंगली रसगुल्ला खाया है। यह साल में दो महीने मिलता है। यह इतना ताकतवर है कि अकेले दम पर दिल और फेफड़ों की बीमारियां दूर रख सकता है। साइंस भी मानता है कि इसे खाने से शरीर को कई सारे फायदे मिलते हैं। लसोड़ा को जंगली रसगुल्ला कहा जाता है। इसे इंडियन चेरी, ग्लूबेरी, बहुवार, गोंदी और निसोरा भी कहा जाता है। यह पुराने से पुराने जोड़ों के दर्द से आराम दिला सकता है। भारत के कई राज्यों में इसकी सब्जी बनाकर खाई जाती है। आइए जानते हैं कि लसोड़ा कितना और कैसे फायदा देता है।
दिल को मिलने वाला फायदा बताया गया है। यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखता है जिससे दिल की नलियों पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ता है। हाइपरटेंशन दिल का दुश्मन है जो हार्ट अटैक से लेकर हार्ट फेलियर का कारण बन सकता है।
इसी शोध में जंगली रसगुल्ला लंग्स हेल्थ के लिए भी अच्छा बताया गया है। यह फेफड़ों को हेल्दी बनाकर रेस्पिरेटरी रेट बढ़ाने में मदद करता है। फेफड़ों की कमजोरी दूर करने के लिए यह बेहतरीन उपाय है। इससे फेफड़ों की नसें भी शांत होने लगती हैं। इसका सेवन खांसी, गले की सूजन में भी फायदा करता है। यह बलगम और कफ निकालने का काम करता है।
लसोड़ा की पत्तियों का अर्क जोड़ों का दर्द दूर कर सकता है। इसमें एंटी इंफ्लामेटरी इफेक्ट होता है। यह जोड़ों की इंफ्लामेशन को कम करता है। जिससे दर्द में कमी आती है। इससे जोड़ों की मूवमेंट भी बढ़ जाती है। अगर बार-बार आप बीमार पड़ जाते हैं तो यह कमजोर इम्यून सिस्टम का लक्षण है। इस वजह से इंफेक्शन जल्दी पकड़ लेता है। लसोड़ा खाने से इम्यूनिटी बढ़ती है। इसके अंदर इम्यूनोमोड्यूलेटरी एक्टिविटी पाई जाती है। यह किसी भी बीमारी से जल्दी छुटकारा दिलाती है।
जंगली रसगुल्ला पेट का अल्सर खत्म करने में भी मदद करता है। इसके अंदर एंटी स्टमक अल्सर इफेक्ट पाया जाता है। एसिडिटी, हार्ट बर्न, पेट दर्द, खराब डायजेशन की दिक्कतों में भी इस सब्जी से फायदा पा सकते हैं।